Nhi deepak ki zaroorat

नहीं दीपक की ज़रूरत

मुझे दीपक क्या रोशनी दिखाएगा
कैसे बंजारा राह बताएगा
अलमस्त चाल का राही हूं
मैं बिना ढाल का सिपाही हूं
थोड़ा रक्त मेरा गिर जाएगा
उससे सन कर मैदान-ए-जंग क्या साथ निभाएगा
ना शमशीर का मैं कोई साथी हूं
भुजाओं के बल से ही मैं हाथी हूं
एक दूर गांव का सिपाही हूं
वह घोड़े पर बैठा राजा है मैं पैदल चलता एक राही हूं
वह रगों के खून से एक राजा है
मैं लहू के जोश से ही शाही हूं
जुनून पर लङने आया हूं समझदारी से खेलना काम कैसे आएगा
खुद अपनी राह बनाया हूं मुझे दीपक क्या राह दिखाएगा।
                            -तरुण राज
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Nhi deepak ki zaroorat Nhi deepak ki zaroorat Reviewed by Sensitive_Observer on January 18, 2019 Rating: 5

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